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यूपी के बेसिक स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी का शिक्षकों ने किया जमकर विरोध, बहिष्कार

यूपी के बेसिक स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी का शिक्षकों ने किया जमकर विरोध, बहिष्कार

Face recognisation of teachers

शिक्षक और स्टूडेंट्स की ऑनलाइन हाजिरी को लेकर परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का विरोध शुरू हो गया है.

शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी लगाने को लेकर साफ इनकार कर दिया है. शिक्षकों का कहना है कि टेबलेट दे दिया गया है. महीने भर से ये अलमारियों में बंद पड़े हैं लेकिन इन्हें चलाने के लिए न ट्रेनिंग दी गई है और न ही सिम. डाटा कहां से इस्तेमाल होगा, इसका भी कुछ पता नहीं. ऐसे में शिक्षक अपने स्मार्ट फोन से ऑनलाइन हाजिरी लगाने को लेकर पीछे हट गए हैं.

Face recognisation of teachers

बेसिक शिक्षा विभाग ने बीते 10 नवंबर को शिक्षकों और स्टूडेंट्स की ऑनलाइन हाजिरी के साथ 16 रजिस्टर (16 अन्य प्रकार की हाजिरी) को ऑनलाइन करने के निर्देश जारी किए हैं. इसके लिए शिक्षकों को 20 नवंबर से प्रत्येक दशा में ऑनलाइन हाजिरी को शुरू करने के लिए कहा गया है. आदेश में टेबलेट और स्मार्ट फोन की मदद से हाजिरी लगाने के निर्देश शामिल हैं.

परिषदीय स्कूल के एक शिक्षक ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की सुविधाएं बेहतर नहीं है. विद्यालय जर्जर अवस्था में है. छमाही परीक्षा में पेपर और उत्तरपुस्तिकाओं की व्यवस्था तक विभाग द्वारा नहीं की गई. इसके लिए मिलने वाला बजट तक जारी नहीं हुआ. कई स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या 100 से पार है और एक ही नियमित शिक्षक के ऊपर शिक्षण कार्य की जिम्मेदारी है. ऐसे में एक ही शिक्षक से 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स की बायोमेट्रिक व फेस स्कैन कर हाजिरी लगा पाना संभव नहीं है. ग्रामीण नहीं नगर क्षेत्र के विद्यालयों में भी शिक्षकों का टोटा है. उधर, डिजिटल तकनीक से उपस्थिति लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं और इसकी कोई ट्रेनिंग तक नहीं दी गई है.इन सात जिलों में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट

ऑनलाइन उपस्थिति योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरुआत में 7 जिलों से शुरू किया गया है. इसमें लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई एवं श्रावस्ती जिला शामिल हैं. लखनऊ मंडल के अलावा श्रावस्ती से एक अलग से जिला पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है.

17 हजार टेबलेट बांट दिए, डाटा का पता नहीं

प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने कहा कि शिक्षक अभी तक डीबीटी, डाटा फीडिंग, आधार फीडिंग संबंधी सभी काम अपने स्मार्ट फोन से करते आ रहे हैं. शिक्षकों को इस काम में खर्च होने वाला डाटा अब तक नहीं मिलता है. विभाग ने 17 हजार का टेबलेट दिया है. ये अलमारियों में रखे हुए सड़ रहे हैं. विभाग जब तक सिम और डाटा उपलब्ध नहीं कराएगा, तब तक शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी नहीं देंगे. शिक्षक कार्य से पीछे नहीं हटेंगे लेकिन, जब तक विभाग संसाधन उपलब्ध नहीं कराता है कोई भी शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी नहीं देगा.

बीएसए अरुण कुमार का कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था शुरू हुई है. शिक्षकों को 20 नवंबर से ऑनलाइन हाजिरी लगानी है. योजना के सफल संचालन के बाद इसे अन्य जिलो में भी लागू किया जाएगा.

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