Basic Education Department

बेसिक शिक्षा में नई पहल: शब्दकोश निर्माण से बच्चों में बेहतर होगी गणित की समझ


प्रदेश के एक लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा एक से पांच तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं में गणित की समझ बेहतर बनाने के लिए पहली बार गणित विषय का शब्दकोश बनाया जा रहा है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से अनुमति मिलने के बाद शब्दकोश निर्माण के लिए राज्य शिक्षा संस्थान एलनगंज में सात अगस्त को कार्यशाला शुरू हुई है जो नौ सितंबर तक चलेगी।संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर का कहना है कि बच्चों के मानसिक स्तर के अनुसार गणित के कठिन शब्दों को सरल और रोजमर्रा की बोलचाल की भाषा में समझाने के लिए शब्दकोश बनवाया जा रहा है। इसके लिए बाहरी विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है। संस्थान की सहायक उप शिक्षा निदेशक और समन्वयक समग्र शिक्षा डॉ. दीप्ति मिश्रा के अनुसार गणित के कई शब्द ऐसे होते हैं जो आसानी से समझ नहीं आते। इन शब्दों को समझने में छोटे बच्चों को अधिक परेशानी होती है। इसलिए शब्दकोश तैयार किया जा रहा है।यूपी विशेष के लिए इस साल लागू नहीं कीं किताबें

Related Articles

यूपी के विशेष संदर्भों में किताबें अपडेट करने के कारण ही इस साल से एनसीईआरटी की हिन्दी, अंग्रेजी व गणित की किताबें प्रदेश में निशुल्क नहीं बांटी जा सकी हैं। सरकार ने पहले शैक्षणिक सत्र 2023-24 से कक्षा एक और दो में एनसीईआरटी किताबें लागू करने का निर्णय लिया था। लेकिन नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के मुताबिक इन किताबों को यूपी के परिवेश में ढालने के लिए लगने वाले समय को देखते हुए बाद में इस सत्र में पूर्व से चल रही किताबों के जरिए ही पढ़ाई कराने का निर्णय लिया गया है।

New Initiatives in Basic Education:

● राज्य शिक्षा संस्थान पहली बार बना रहा है शब्दकोश● गणित के कठिन शब्दों को आसान भाषा में समझाएंगेयूपी के संदर्भ में अपडेट करेंगे एनसीईआरटी की किताबएनसीईआरटी की कक्षा एक व दो की हिन्दी, अंग्रेजी व गणित की किताबों को उत्तर प्रदेश के स्थानीय परिवेश और आवश्यकताओं के आधार पर अपडेट किया जाएगा। एससीईआरटी के निदेशक डॉ. पवन कुमार ने राज्य शिक्षा संस्थान, आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान और राज्य हिन्दी संस्था वाराणसी को क्रमश गणित, अंग्रेजी व हिन्दी की किताबों में यूपी से संदर्भित सामग्री का समावेश करने का आदेश दिया है। 14 जुलाई को हुई ऑनलाइन बैठक में एनसीईआरटी की पुस्तकों की समीक्षा और प्रदेश के शैक्षिक परिदृश्य, परिस्थितियों एवं स्थानीय परिवेश और आवश्यकता को दृष्टिगत विषयवस्तु जोड़े जाने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button
%d