Basic Education Department

प्राइमरी का मास्टर” पर एक शिक्षक द्वारा 📝स्वरचित कविता, एक बार अवश्य

प्राइमरी का मास्टर” पर एक शिक्षक द्वारा 📝स्वरचित कविता, एक बार अवश्य पढें

गर्व मुझे कि मैं प्राइमरी का मास्टर कहलाता हूँ……

📝 Self composed poem by a teacher on Master of Primary



हर एक काम निपुणता से करता हूँ,

फिर क्यूं सबकी आँखों को खलता हूँ,

गाँव -गाँव शिक्षा की अलख जगाता हूँ,

नित प्रति बच्चों को सबक सिखाता हूँ 

गर्व मुझे कि मैं प्राइमरी का मास्टर कहलाता हूँ।।

सबको स्वाभिमान से रहना सिखलाता हूँ,

सबको हर एक अच्छी बात बताता हूँ 

प्रतिदिन मेन्यू से एम.डी.एम बनवाता हूँ,

खुद चखकर तब बच्चों की थाल लगवाता हूँ 

गर्व मुझे कि मैं प्राइमरी का मास्टर कहलाता हूँ ।।

सोमवार को ले थैला मैं बाज़ार जाता हूँ,

और मौसमी फल खरीद बच्चों को खिलवाता हूँ 

बुधवार को शुद्ध दूध बच्चों हेतु मंगवाता हूँ,

फिर उन्हें दे गिलास पूरी मात्रा पिलवाता हूँ 

गर्व मुझे कि मैं प्राइमरी का मास्टर कहलाता हूं ।।

बच्चों की ड्रेस की माप भी खुद करता हूँ,

जल्दी टेलर से सिलाकर फिर उनका वितरण करता हूँ 

प्राप्त पुस्तकें, जूते, मोजे एन.पी.आर.सी से खुद ढोकर लाते हैं,

कर वितरण उनका हम फूले नहीं समाते हैं।

सरकार हो निष्फल जिसमें वो काम भी हम करते हैं,

जाड़ों में हम बजट में स्वेटर वितरित करते हैं

चुनाव, जनगणना हम ही सब करते हैं,

आपदा बचाव हेतु हम सबसे आगे रहते हैं

मैं सबको सच्ची और अच्छी बात बतलाता हूँ,

वि.क्षे.अमरिया

गर्व मुझे कि मैं प्राइमरी का मास्टर कहलाता हूँ ।।

– अभिषेक शुक्ला “सीतापुर”

प्राइमरी का मास्टर

प्राथमिक विद्यालय :- लदपुरा

जिला-पीलीभीत

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